Thursday, 1 September 2016

भसड़पट्ट छीछैन हैगे हो माराज

हमारे कुमाऊनी में कोई चीज़ रायते की  तरह फैल जाती है या बहुत ज्यादा पकाऊ चटाऊ हो जाती है तो उसको #छीछैन कहते हैं और #पट्ट लगा देते हैं किसी भी चीज़ की अति बताने के लिए .
ये आजकल के जर्नलिस्ट लोग राजनीति बहुत बतियाते हैं , सब बतियाते हैं ये. राजनीति का कुछ होना नहीं है भला शायद तो क्यों इतना उछालते हैं इन नेताओ को ?? भाव ही मत दो क्या पता एक साल , दो साल , तीन साल में लाइन में आ जाएँ . हुज़ूर क्या करें हम ठहरे देसी , असली मसाला गॉसिप का तो राजनीति में ही है . विज्ञान , बाकी दुनिया के रहस्य में कहाँ है , है नई ? ? सोशल मीडिया से लेकर साड़ी मीडिया देख कर इस लगता है की देश में राजनीति के अलावा कुछ है ही नहीं . वाकई में राजनीति को हमने ही मुह लगा लगा कर बिगाड़ा है , कान खींचे होते तो इस नहीं होता. अब ना तो वो लोग सुधारते हैं और हम तो फिर हम ही हैं , छींटाकसी करते नहीं थकते. आफ्टरआल रियल एन्जॉय तो इसमें ही है ना ?
#भसड़पट्ट छीछैन हैगे हो माराज

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